गेब्रियल गार्सिया मार्केज
कोलम्बियाई उपन्यासकार, कहानीकार, पटकथा लेखक और पत्रकार गेब्रियल गार्सिया मार्केज का जन्म 6 मार्च, 1927 को हुआ था। मार्केज को 20वीं शताब्दी के विश्व साहित्य के सबसे महत्वपूर्ण लेखकों में से एक माना जाता है, विशेष रूप से स्पेनिश साहित्य में। उन्हें 1972 में साहित्य के लिए न्यूस्टाड्ट इंटरनेशनल अवार्ड और 1982 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
गार्सिया मार्केज़ ने अपने करियर की शुरुआत पत्रकार के रूप में की थी। इस दौरान उन्होंने कई गैर-काल्पनिक लघु कथाएं लिखीं, लेकिन उन्हें असली शोहरत उनके उपन्यास लेखन से मिली। उनके विश्व प्रसिद्ध उपन्यासों में 'वन हंड्रेड इयर्स ऑफ़ सॉलिट्यूड' (1967), 'क्रॉनिकल ऑफ़ ए डेथ फोरटोल्ड' (1981) और 'लव इन द टाइम ऑफ कोलेरा' (1985) शामिल हैं। उनके कार्यों ने महत्वपूर्ण आलोचनात्मक प्रशंसा और व्यापक व्यावसायिक सफलता हासिल की, विशेष रूप से जादुई यथार्थवाद के रूप में जानी जाने वाली साहित्यिक शैली को लोकप्रिय बनाने के लिए। उनकी अधिकांश रचनाओं का केंद्र मैकोंडो नामक काल्पनिक गांव (मुख्य रूप से उनके जन्मस्थान, अराकाटाका) रहा है। अप्रैल, 2014 में गार्सिया मार्केज़ की मृत्यु के बाद कोलंबिया के राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सैंटोस ने उन्हें "अब तक का सबसे महान कोलंबियाई" कहा था।.