जन्नत-जहन्नुम
अपने ज़माने में बदनाम और हमारे ज़माने के सबसे मशहूर शायरों में से एक जौन एलिया की बौद्धिक और दार्शनिक मनोस्थिति उनके लेखों में भी झलकती है। ख़ालिद अहमद अंसारी द्वारा ‘फ़रनूद’ (अल हम्द पब्लिकेशन, लाहौर) में एकत्रित लेख और निबंध इस तथ्य की गवाही देते हैं। ‘फ़रनूद’ में शामिल एलिया के निबंध दर्शन, तर्क, तत्त्वमीमांसा, धर्म, सत्य, राजनीति और संस्कृति से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों से सरोकार रखते हैं। यह लेख पाकिस्तान के परमाणु शक्ति बनने के दो साल बाद जुलाई, 2000 में ‘सस्पेन्स डायजेस्ट’ में शामिल किया गया था। एलिया के दूसरे लेखों की तरह यह लेख भी न केवल विद्वतापूर्ण और अकादमिक है बल्कि कश्मीर विवाद पर उनकी राजनीतिक और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष में विनम्र सोच को भी दर्शाता है। कश्मीर किसका? कश्मीरियों का। कश्मीर का फ़ैसला कौन करेगा? कश्मीरी करेंगे।
March 19, 2022