बाहर कुछ जल रहा है
वह किसी जल-पक्षी की तरह पतला-दुबला था और उसके कंधे झुके हुए थे। उसके डरावने, मरियल चेहरे पर दो गहरी भूरी जलती हुई आंखें मौजूद थीं। वे वाक़ई जलती हुई आंखें थीं—किसी अंदरूनी आग से जलती हुई आंखें नहीं, बल्कि केवल प्रतिबिम्बित करती हुईं, जैसे वे दो स्थिर आइने हों, जो यह बता रहे हों कि बाहर कुछ जल रहा है।
November 12, 2022