सच बोलने वाला आईना
प्रेम की किताब के हर पृष्ठ पर वफ़ा के क़िस्से ही नहीं होते, बेवफ़ाई की दास्तानें भी होती हैं। प्रेम कहानियों के कई किरदार महबूब की बेवफ़ाई ने रचे हैं। खासतौर से उन महबूबों ने जिन्होंने प्रेम को शारीरिक सुख और स्वार्थसिद्धि का साधना मात्र मान लिया हो। यह प्रेम और इसका महबूब जब समाज के उस समुदाय से ताल्लुक रखता हो, जिसे समाज ने अपने समलैंगिक पहचान के चलते हाशिये पर धकेल दिया है तो बेवफ़ाई की पीड़ा और ज्यादा भयावह हो जाती है। तमाम जागरूकता अभियानों और सरकारों के समर्थन के बाद भी विश्व के अनेक देशों में समलैंगिक प्रेम को हेय की दृष्टि से देखा जाता है। लोग इन प्रेमियों के प्रेम को तो क्या इन्हें खुद को स्वीकार करना नहीं चाहते। इन लोगों को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है। कई बार तो क़त्ल तक कर दिया जाता है। प्रस्तुत कहानी कैमरून के एक ऐसे ही समलैंगिक व्यक्ति की कहानी है, जो प्रेम में पड़कर अपने ही प्रेमी के हाथों मारा जाता है। उसकी मौत अपने पीछे कई सवाल छोड़ जाती है। असली मर्द क्या होता है? क्या औरत के साथ सोना ही असली मर्द की निशानी है? या फिर वह असली मर्द है जो प्यार, उदारता, संवेदनशीलता और दिलेरी की काबिलीयत रखे। क्या वह असली मर्द है जो समाज के सामने झुककर अपने आपको और अपने चाहने वालों को धोखा दे? या फिर वह, जो अपने लोगों के लिए समाज से सिर्फ लड़ने की ही नहीं बल्कि समाज को ठुकराने का साहस रखता हो। समलैंगिक संबंधों के साथ-साथ यह कहानी हमें मर्दानगी के मायनों के ऊपर विचार करने के लिए भी विवश करती है।
April 30, 2022