वक्त का दरिया
"पानी और वक़्त जुड़वां भाई हैं, दोनों एक ही कोख से जन्मे हैं।" बहाव चाहे पानी का हो या वक्त का, उसका विरोध करना मुनासिब नही है। वक्त के दरिया के पार हम अपने पूर्वजों से कैसे जुड़े हैं? जुड़े भी हैं कि नही? क्या यह जुड़ाव प्राकृतिक है, या फिर हर चीज की तरह इस जुड़ाव को भी बनाए रखने के लिए सामाजिक शिक्षा की जरूरत है? जुड़ाव चाहे प्राकृतिक हो, उस जुड़ाव का अनुभव ज़रूर सामाजिक है। उस जुड़ाव को चेतना में बनाए रखना हम सब का दायित्व है।
December 19, 2023