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नूरुद्दीन फराह|nuruddin farah

नूरुद्दीन फराह

नूरुद्दीन फराह (जन्म 24 नवंबर, 1945) सोमाली उपन्यासकार हैं। फराह ने मंचन और रेडियो दोनों के लिए नाटकों के साथ-साथ लघु कथाएं और निबंध भी लिखे। 1970 के दशक में सोमालिया छोड़ने के बाद से वह संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, स्वीडन, सूडान, भारत, युगांडा, नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों में रह चुके हैं। वर्तमान में फराह की गिनती दुनिया के समकालीन महान लेखकों में होती है। फराह साहित्य नोबेल पुरस्कार के संभावित उम्मीदवारों में भी शामिल हैं।

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मेरे पिता, अंग्रेज और मैं|Mere Pita Angrez Aur Mai

मेरे पिता, अंग्रेज और मैं

उपनिवेशवादी शासन से स्थानीय समुदायों पर कैसा और किस तरह का प्रभाव पड़ता है, यह कहानी उसकी एक बानगी भर है। एक व्यक्ति जिसे अपने परिवार का भरण-पोषण करना होता है, वह विदेशी शासन से मिलने वाले भौतिक लाभों के लिए उपनिवेशवादियों की दासता स्वीकार कर लेता है। लेकिन जिस परिवार के लिए सब कुछ अच्छा पाने की कोशिश में वह खुद का बलिदान दे रहा होता हो, वह उसी परिवार के लोगों का सम्मान खो देता है। उसकी पत्नी उससे घृणा करने लगती है। बेटा उस पिता का सम्मान नहीं कर सकता जो विदेशियों के सामने खुद का ही सम्मान नही करता। जब पिता के पास दुनिया में इतना कम अधिकार होता है कि वह अपने घर पर भी अधिकार बनाए रखने में असमर्थ हो जाता है। एक लड़का जो इस वातावरण में पला-बढ़ा है, वह पूरी तरह से खो जाता है, क्योंकि वह न तो उपनिवेशवादी का सम्मान कर सकता है और न ही अपने पिता का।

September 10, 2022