न आत्मतरस की जगह, न डर के जीने की कोई वजह
लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार जब निरंकुश हो जाए... अपने ही लोगों को ज़िंदानों में डाल दें... और हिफ़ाज़त करने वाला सुरक्षा दस्ता मान्यता प्राप्त आपराधिक संगठन में तब्दील हो जाए, तब एक कलाकार को क्या करना चाहिए? क्या उसे खामोश हो जाना चाहिए, अपनी कलम तोड़ देनी चाहिए या ज़बान को कतर लेना चाहिए... या फिर उसे वह करना चाहिए, जिसके लिए वह बना है? एक निरंकुश तानाशाह के शासन में कलाकार की क्या भूमिका है, और होनी चाहिए, इन्हीं सवालों के जवाब देने की कोशिश करता यह आलेख प्रस्तुत है।
December 17, 2022