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सुशांत सुप्रिय

sushant1968@me.com

हिंदी के प्रतिष्ठित कथाकार, कवि तथा साहित्यिक अनुवादक। इनके नौ कथा-संग्रह , पाँच काव्य-संग्रह तथा विश्व की अनूदित कहानियों के दस संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इनकी कहानियाँ और कविताएँ पुरस्कृत हैं और कई राज्यों के स्कूल-कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में बच्चों को पढ़ाई जाती हैं। कई भाषाओं में अनूदित इनकी रचनाओं पर कई विश्वविद्यालयों में शोधार्थी शोध-कार्य कर रहे हैं। इनकी कई कहानियों के नाट्य मंचन हुए हैं तथा इनकी एक कहानी “दुमदार जी की दुम “ पर फ़िल्म भी बन रही है। हिंदी के अलावा अंग्रेज़ी व पंजाबी में भी लेखन व रचनाओं का प्रकाशन । साहित्य व संगीत के प्रति जुनून ।सुशांत सरकारी संस्थान, नई दिल्ली में अधिकारी हैं और इंदिरापुरम्, ग़ाज़ियाबाद में रहते हैं।
देहाती डॉक्टर

देहाती डॉक्टर

‘देहाती डॉक्टर’ फ्रैंज़ काफ़्का की प्रसिद्ध लघुकथा है, जो पहली बार 1919 में प्रकाशित हुई थी। यह कहानी एक ग्रामीण डॉक्टर की एक रात की असामान्य यात्रा के ज़रिये आधुनिक समाज में इंसान की बेबसी, ज़िम्मेदारी के बोझ और अस्तित्व की विडंबनाओं को उजागर करती है। एक रोगी के बुलावे पर डॉक्टर घर से निकलता है, लेकिन यह यात्रा जल्द ही एक अतियथार्थवादी (surreal) अनुभव में बदल जाती है — जहाँ समय, नैतिकता, और इच्छाओं की सीमाएँ धुंधली पड़ जाती हैं। कहानी प्रतीकों और रूपकों से भरी हुई है — जैसे असंभव गति से दौड़ती घोड़ा-गाड़ी, नौकरानी पर संकट, रोगी का रहस्यमयी घाव, और समुदाय का विवेकहीन व्यवहार — जो काफ़्का की विशिष्ट शैली ‘काफ़्कायन’ का हिस्सा हैं। यह सिर्फ़ एक डॉक्टर की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की कहानी है जो अपने कर्तव्यों, समाज की अपेक्षाओं और निजी विवेक के बीच फँसा हुआ है।

फ़्रांज काफ़्का
देहाती डॉक्टर

देहाती डॉक्टर

‘देहाती डॉक्टर’ फ्रैंज़ काफ़्का की प्रसिद्ध लघुकथा है, जो पहली बार 1919 में प्रकाशित हुई थी। यह कहानी एक ग्रामीण डॉक्टर की एक रात की असामान्य यात्रा के ज़रिये आधुनिक समाज में इंसान की बेबसी, ज़िम्मेदारी के बोझ और अस्तित्व की विडंबनाओं को उजागर करती है। एक रोगी के बुलावे पर डॉक्टर घर से निकलता है, लेकिन यह यात्रा जल्द ही एक अतियथार्थवादी (surreal) अनुभव में बदल जाती है — जहाँ समय, नैतिकता, और इच्छाओं की सीमाएँ धुंधली पड़ जाती हैं। कहानी प्रतीकों और रूपकों से भरी हुई है — जैसे असंभव गति से दौड़ती घोड़ा-गाड़ी, नौकरानी पर संकट, रोगी का रहस्यमयी घाव, और समुदाय का विवेकहीन व्यवहार — जो काफ़्का की विशिष्ट शैली ‘काफ़्कायन’ का हिस्सा हैं। यह सिर्फ़ एक डॉक्टर की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की कहानी है जो अपने कर्तव्यों, समाज की अपेक्षाओं और निजी विवेक के बीच फँसा हुआ है।

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