पटचित्र: वर्ल्ड कश्मीर अवेयरनेस फोरम
कश्मीरी से अंग्रेजी अनुवाद: सय्यद तफ़ज़्ज़ुल हुसैन
अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद: अक्षत जैन
स्त्रोत: Short stories of Akhtar Mohiuddin
उन्होंने आपस में ही चुनाव के नतीजों का फैसला कर लिया, लेकिन उनके मुताबिक कुछ तमाशा भी तो जरूरी था।
तो कुछ लोगों ने हरे झंडे लेकर हमारे मोहल्ले में चुनाव के दिन जुलूस निकाला। जुलूस में तकरीबन पंद्रह सड़क छाप लोग शामिल थे— आठ किशोर लड़के और आधे दर्जन बालिग मर्द, जिनमें से एक की दाढ़ी बिखरी-बिखरी सी थी।
“कचूर” हमारे पड़ोसी थे। भीड़ ने उनके घर पर पत्थरबाज़ी की। कचूरों ने अपने खिड़की-दरवाजे बंद रखे और बिल्कुल शांत बने रहे।
शाम को चुनाव के नतीजों का ऐलान कुछ देरी से हुआ। लाल झंडे वाले दल ने चुनाव जीते थे। पूरी रात जश्न में पटाखे फोड़े गए।
सुबह हाजी ने अपने घर के ऊपर तीन झंडे फहराए। तीनों लाल थे और बड़े ही सुंदर तरीके से सजाये गए थे, जिससे देखने वालों को अच्छा लगे।
शाम को लाल झंडे वालों ने जीत का जुलूस निकाला। जब जुलूस हमारे घर की तरफ आया, तो हाजी उनका स्वागत करने अपने घर से बाहर आया। इस जुलूस में भी वही सड़क छाप लोग थे जो पिछले दिन के जुलूस में शामिल थे, वो बिखरी दाढ़ी वाला भी।
उसने हमारे एक और पड़ोसी के घर की तरफ इशारा किया और कहा, “ये हैं ‘डर’! अगर उन्हें लगता है कि वो बड़े लोग हैं तो लगे, हमें उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने इन सब लोगों को बहका कर बेकार में कचूरों के घर पर पत्थरबाज़ी करवाई।”
इससे जुलूस में आए लोग भड़क गए और पिछले दिन की तरह ही वे आज डरों के घर पर पत्थरबाज़ी करने लगे। डरों के घर की खिड़कियां फूट गईं।
बाद में हाजी ने कचूरों के घर मिठाई भेजी और कचूरों ने बदले में हाजी के घर।
हाजी साहब ने अब लकड़ी को सरकारी डिपो पर उतारना बंद कर दिया। उल्टा अब लकड़ी अपने घर से ‘तख़्ती निर्माताओं’ को बेचने लगे क्योंकि तख्तियां बाजार में ऊंचे दामों पर बिकती थीं।
कचूरों ने भी यह बात बाजार में फैला दी कि अगर किसी को सिमेन्ट, स्टील वगैरह की जरूरत हो तो उनसे ले सकते हैं, क्योंकि वे सरकार के लिए सिविल निर्माण-कार्य करने वाले असली ठेकेदार हैं।
डरों ने शिकायत की कि कचूरों में कोई ईमान नहीं है। “हमने आपसी समझौते के तहत अपने घरों पर पत्थरबाज़ी करवाने का फैसला लिया था, लेकिन वो अब हमारे बिज़नेस में भी दखलंदाजी कर रहे हैं।”
डर परिवार शाल और हस्तशिल्पों के निर्यातक थे, लेकिन कहा जाता था कि वो इस सब के साथ ड्रग्स पैक करके बेचने के खिलाफ नहीं थे। सच तो खुदा को ही पता है।