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आनंद तेलतुंबडे
आनंद तेलतुंबडे

आनंद तेलतुंबडे (1951 - ) लेखक, बुद्धिजीवी और नागरिक अधिकार ऐक्टिविस्ट हैं। उन्होंने हिंदुस्तान में जाति व्यवस्था के ऊपर विस्तार में लिखा है और जाति के विनाश के लिए ज़मीनी स्तर पर काम भी किया है। उनकी किताबें हजारों-लाखों लोग पढ़ते हैं और वे हमें हिंदुस्तान में जाति की असलियत से अवगत कराती हैं।

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मेरी गिरफ़्तारी से एक रात पहले भारत के लोगों के लिए एक खत

14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती होती है और इसी दिन आज से तीन साल पहले 2020 में प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे को भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह अभी भी इस अवैध देश की अवैध जेलों में कैद हैं और उनके वक्त के साथ-साथ न्याय का भी कत्ल हो रहा है। उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया, क्योंकि उन्होंने हिंदुस्तान में अंबेडकर के विचारों का पालन करने का घनघोर पाप किया है। इस बार की अंबेडकर जयंती पर आप उनका यह खत पढ़ें, जो उन्होंने भारत के लोगों के लिए जेल जाने से एक रात पहले लिखा था, और देखें कि क्या उन्हें जेल जाना चाहिए और अगर आज वह जेल में हैं तो क्या कल आप और आपके बच्चे भी जेल में नहीं होंगे?

April 14, 2023

हिंदुत्व की राजनीति और औरंगज़ेब का पुनर्जन्म

हर शासक की तरह औरंगज़ेब न तो कोई नैतिक आदर्श थे, न ही महज़ एक खलनायक। एक राजा की तरह उन्होंने भी अपनी प्रजा के प्रति ज़िम्मेदारी को आत्मसात किया था। लेकिन इन सब तथ्यों से इतर, यह भी सच है कि औरंगज़ेब की मृत्यु को तीन सौ साल से ज़्यादा हो चुके हैं। आज उनके ख़िलाफ़ चलाया जा रहा यह अत्यधिक दुश्मनी से भरा अभियान एक अजीब विडंबना को जन्म देता है—वह यह कि यह अभियान खुद उसी विकृत छवि को दोहराता है, जो सत्ता में बैठे लोग औरंगज़ेब को लेकर गढ़ते आए हैं। देश की असली समस्याओं को सुलझाने और देश की सामूहिक ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में मोड़ने के बजाय, हमारे नेतृत्व का ध्यान इस समय औरंगज़ेब की क़ब्र पर बहस करने और मस्जिदों के नीचे मंदिर खोजने में लगा हुआ है।

April 23, 2025