2022 से अभी तक हमने 35 से ज़्यादा देशों के लेखकों का अनुवाद किया है। हम अंग्रेजी से हिंदी अनुवादकों का एक समूह हैं। हमसे जुड़ने या हमारी अनुवाद सेवाओं का लाभ उठाने के लिए हमसे संपर्क करें: anuvadsamvad@gmail.com
जी. आलोयसियस|G aloysius hindi translation

जी. आलोयसियस

प्रोफेसर जी. आलोयसियस इतिहासकार और सामाजिक विज्ञानी हैं। उनका काम दुनियाभर में प्रसिद्ध है। वे उपमहाद्वीप के इतिहास का गैर-ब्राह्मणवादी दृष्टि से उल्लेख करते हैं। इस कारण वे उन चुनिंदा लेखकों में से हैं जो यह खुल कर कहते हैं कि इंडिया को एक देश नही होना चाहिए। उनके काम से हमें मालूम पड़ता है कि इंडिया असल में कभी देश बना ही नहीं, बल्कि केवल एक नए तरह का ब्राह्मणवादी उपनिवेश बन कर रह गया। उनका काम इस नए उपनिवेशवाद से लड़ने में हमारी मदद करता है।

Read More  
अंग्रेजों ने हिन्दू धर्म की रचना की और ब्राह्मणों ने इस मिथक की कि ‘इंडिया’ भारत है (भाग 1)|Angrezo Ne Hindu Dharm Ki Rachna Ki G Aloysius Hindi Translation Bhaag 1

अंग्रेजों ने हिन्दू धर्म की रचना की और ब्राह्मणों ने इस मिथक की कि ‘इंडिया’ भारत है (भाग 1)

"मैं यहां ऐतिहासिक रूप से रेखांकित कर रहा हूं कि कैसे उपनिवेशवाद, प्राच्यवाद एवं राष्ट्रवाद ने पूर्ववर्ती और बिल्कुल स्थानीय ब्राह्मण स्वभाव को राष्ट्रीय, प्राकृतिक और सर्व-स्वीकृत बनाकर उसे हर चीज के ऊपर कंट्रोल दे दिया। यह एक ऐतिहासिक विकास है। राष्ट्रीय स्तर पर उपनिवेशवाद ने ब्राह्मणवाद की मदद की। पर कुछ लोगों ने इसका लाभ यह कहकर भी उठाया कि ये तो अंग्रेज थे, जिन्होंने जातियों का विकास किया। इसीलिए मैं भौगोलिक स्थिति की चर्चा करूंगा—ब्राह्मणों का असर कुछ निश्चित क्षेत्रों में ही था, इसका मतलब है कि वे अंग्रेजों के आने से पहले से कुछ स्थानों पर प्रभावी थे, मगर हर जगह नहीं। अंग्रेजों ने स्थानीय प्रभाव को सामान्य प्रभाव समझा और यही आधुनिक भारत का राष्ट्रीय एवं सार्वभौमिक सत्य बन गया। इसीलिए इसे आज ब्राह्मण स्वभाव के रूप में जाना जाता है। बहुत से मध्यमवर्गीय मूल्य हमारे हिसाब से ब्राह्मणवादी हैं, और वे सिर्फ ब्राह्मणों तक सीमित नहीं है। सभी जन, चाहे वे दलित हों या बहुजन, इससे प्रभावित हैं। मध्यमवर्गीय जीवन ब्राह्मणीय तौर-तरीकों से ही प्रदर्शित होता है।"

July 15, 2023
अंग्रेजों ने हिन्दू धर्म की रचना की और ब्राह्मणों ने इस मिथक की कि ‘इंडिया’ भारत है (भाग 2)|Angrezo Ne Hindu Dharm Ki Rachna Ki G Aloysius Hindi Translation Bhaag 2

अंग्रेजों ने हिन्दू धर्म की रचना की और ब्राह्मणों ने इस मिथक की कि ‘इंडिया’ भारत है (भाग 2)

"मैं यहां ऐतिहासिक रूप से रेखांकित कर रहा हूं कि कैसे उपनिवेशवाद, प्राच्यवाद एवं राष्ट्रवाद ने पूर्ववर्ती और बिल्कुल स्थानीय ब्राह्मण स्वभाव को राष्ट्रीय, प्राकृतिक और सर्व-स्वीकृत बनाकर उसे हर चीज के ऊपर कंट्रोल दे दिया। यह एक ऐतिहासिक विकास है। राष्ट्रीय स्तर पर उपनिवेशवाद ने ब्राह्मणवाद की मदद की। पर कुछ लोगों ने इसका लाभ यह कहकर भी उठाया कि ये तो अंग्रेज थे, जिन्होंने जातियों का विकास किया। इसीलिए मैं भौगोलिक स्थिति की चर्चा करूंगा—ब्राह्मणों का असर कुछ निश्चित क्षेत्रों में ही था, इसका मतलब है कि वे अंग्रेजों के आने से पहले से कुछ स्थानों पर प्रभावी थे, मगर हर जगह नहीं। अंग्रेजों ने स्थानीय प्रभाव को सामान्य प्रभाव समझा और यही आधुनिक भारत का राष्ट्रीय एवं सार्वभौमिक सत्य बन गया। इसीलिए इसे आज ब्राह्मण स्वभाव के रूप में जाना जाता है। बहुत से मध्यमवर्गीय मूल्य हमारे हिसाब से ब्राह्मणवादी हैं, और वे सिर्फ ब्राह्मणों तक सीमित नहीं है। सभी जन, चाहे वे दलित हों या बहुजन, इससे प्रभावित हैं। मध्यमवर्गीय जीवन ब्राह्मणीय तौर-तरीकों से ही प्रदर्शित होता है।"

July 22, 2023