कुलकलंक
इतालवी लेखक इतालो काल्विनो का शुमार दुनिया के महान लेखकों में किया जाता है। उनकी तरह ही उनकी कहानी ‘द ब्लैक शीप’ को भी साहित्य की बेहतरीन रचनाओं में शामिल किया जाता है। यह एक व्यंग्यात्मक कहानी है जो बताती है कि समाज में सब चोर हों या ईमानदार, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुद्दा समानता का है। चोरों के बीच समानता ईमानदारों के बीच असमानता से अधिक वांछनीय है। अगर सब एक दूसरे को समझें और एक दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करें, तो समाज में समानता बनी रहती है। लेकिन अगर ईमानदारों के बीच चोर को फेंक दिया जाए या चोरों के बीच ईमानदार को रख दिया जाए, तो व्यवस्था नष्ट हो जाती है, लोगों के बीच असमानता बढ़ती है और दिहाड़ी मजदूरी, अमीरी-गरीबी की समस्याएं इत्यादि उभरने लगती हैं। इस कहानी में हमें यह भी मालूम पड़ता है कि पुलिस और जेलखानों जैसी घटिया चीजों का गठन चोरों के कारण नहीं बल्कि आसमान स्थिति की रक्षा करने के लिए होता है। तो अगर हम अपने आप को पुलिस से और उसके जैसी अन्य बुरी चीजों से बचाना चाहते हैं, तो हमें चोरों को नहीं बल्कि असमानता को निशाना बनाना चाहिए। इस कहानी का अनुवाद हमारे समय के चर्चित कथाकार चंदन पांडेय ने किया है।
January 28, 2023