हुआन रूलफ़ो
हुआन रूलफ़ो (1917–1986) मेक्सिको के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं| उन्होंने अपनी कहानियों में ग्रामीण मेक्सिको को इस तरह दर्शाया है कि वहाँ के लोगों को दुनिया में कहीं भी समझा जा सके| रूलफ़ो ने लिखना किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में नहीं सीखा, बल्कि खुद ही किताबें पढ़ के और अपने आसपास कि दुनिया में दिलचस्पी ले के सीखा| उनका लिखने का स्टाइल इतना नायाब था कि वह बाकी लेखकों और समीक्षकों को पसंद आने के साथ-साथ आम जनता को भी खूब लुभाया| वह पहले उन लेखकों में से थे जो अपनी लिखाई में प्रचलित भाषा का इस्तेमाल इस तरह कर पाए कि उसको समझने के लिए शब्दकोश का इस्तेमाल न करना पड़े| उनको कई लोग तो लैटिन अमेरिका से निकले 'मैजिक रियलिस्म' या 'जादुई यथार्थवाद' साहित्यिक शैली का जन्मदाता भी मानते हैं| जॉर्ज लुइस बोर्गेस और गेब्रियल गार्सिया मार्केज़ जैसे महान लैटिन अमरीकी लेखकों ने रूलफ़ो की खूब प्रशंसा की है और उनको अपना प्रेरणास्त्रोत भी बताया है| रूलफ़ो के दो काम प्रमुख हैं—एक लघु कहानियों का संग्रह जिसका नाम है ‘द बर्निंग प्लेन एण्ड अदर स्टोरीज़’ और एक उपन्यास जिसका नाम है ‘पेड्रो परामो’|.