आदर्श पत्नी

औरतों पर ज़ोर डाला जाता है कि वे अपने सपनों और अपनी कल्पना-शक्ति को मार कर अपने आप को आदर्श पत्नी, आदर्श बेटी, आदर्श बहु, आदर्श माँ वगैरह साबित करें| इस नैतिक दबाव का उनके ऊपर जो असर होता है, उसे नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है| इस कहानी में उस दबाव से पनपी एक मानसिक दशा का उल्लेख है|

आदर्श पत्नी
आदर्श पत्नी

पटचित्र: गीता विल्सन

स्पैनिश से अनुवाद अंग्रेजी में: अमालिया ग्लैडहार्ट
अंग्रेजी से अनुवाद हिन्दी में: अक्षत जैन और अंशुल राय
स्त्रोत: World Literature Today
औडियो: अमीत कुमार

 

कुछ भी हो सकता है उस दरवाज़े के परे जो एक आदर्श पत्नी ने खोला हो|

मरिया वरेला ओसॉरिओ की याद में

अगर आप कभी उससे रास्ते में टकराएं, तो जल्दी से सड़क पार कर गति पकड़ लें: वह एक खतरनाक औरत है| उसकी उम्र पैंतालीस से पचास साल के बीच है| उसकी एक विवाहित बेटी है और एक बेटा जो सान निकोलस में नौकरी करता है| उसका पति मेकैनिक की दुकान में काम करता है| वह सुबह बहुत जल्दी उठती है, घर के सामने झाड़ू मारती है, अपने पति को विदा करती है, कपड़े धोती है, खरीददारी करने जाती है और खाना पकाती है| दोपहर के खाने के बाद, वह टीवी देखती है, फिर सिलाई या बुनाई करती है| वह हफ्ते में दो बार कपड़े इस्त्री करती है, और रात को देर से सोने जाती है| शनिवार के दिन वह घर की सफाई करती है, खिड़कियां धोती है, एवं फर्श चमकाती है| रविवार की सुबह वह उन कपड़ों को धोती है जो उसका बेटा घर लाता है—उसके बेटे का नाम है नेस्टर एडुआर्डो—फिर वह नूडल्स या रैवियोली पास्ता बनाती है और शाम को उसकी भाभी उससे मिलने आ जाती है या वह अपनी बेटी के घर चली जाती है| वह एक अरसे से कोई फिल्म देखने नहीं गई है, लेकिन वह रेडियोलैंडिया मैगज़ीन (Radiolandia Magazine) और अखबारों में क्राइम से संबंधित समाचार शौक से पढ़ती है| उसकी आँखें झुर्रीदार हैं एवं हाथ खुरदुरे हैं| वह अब उम्रदराज़ होने लगी है| उसको अक्सर ठंड पकड़ लेती है| वह अलमारी की दराज़ में लेस के कॉलर और आस्तीन वाली काली क्रेप ड्रेस के साथ एक तस्वीरों का एलबम भी रखती है|

यों तो उसकी माँ ने उस पर कभी हाथ नहीं उठाया लेकिन एक बार, जब वह छह साल की थी, दरवाज़े पर रंगीन चॉक से चित्रकारी करने पर उसकी माँ ने उसकी जम कर धुलाई की थी, और फिर गीले कपड़े से पूरा दरवाज़ा साफ़ भी करवाया था। साफ करते हुए उसके दिमाग में सभी दरवाज़ों के विषय में एक ख्याल आया, और उसने यह निष्कर्ष निकाला कि वे बड़े मूर्ख किस्म के होते हैं क्योंकि वे हमेशा एक ही जगह पर खुलते हैं| और जिस दरवाज़े को वह साफ कर रही थी, वह तो सबसे ज़्यादा मूर्ख दरवाज़ा था, क्योंकि वह सीधे उसके माता-पिता के कमरे में जाता था| और फिर उसने उस दरवाज़े को खोला लेकिन तब वह उसके माता-पिता के कमरे में नहीं खुला, बल्कि खुला सीधे गोबी रेगिस्तान में| इससे वह चौंकी नहीं, हालांकि उसको नहीं मालूम था कि गोबी रेगिस्तान क्या है, और अभी तक स्कूल में भी सिखाया नहीं गया था कि मंगोलिया कहाँ है, और ना ही उसने, ना उसकी माँ या दादी ने कभी नानशान  या खँगाई नुरू  के बारे में सुना था|

उसने दरवाज़े के पार कदम बढ़ाए और थोड़ा झुक कर अपने हाथों से उस पीली-सी ज़मीन को खुरचा| उसने देखा कि आस-पास कुछ नहीं था, कोई इंसान भी नहीं| रेगिस्तान की गर्म हवा उसके बालों को उलझाने लगी थी, इसलिए वह वापस दरवाज़े के इस ओर आ गयी, और दरवाज़े को बंद कर दोबारा उसकी सफाई में लग गयी| सफाई खत्म होने पर उसकी माँ ने उसे थोड़ा और लताड़ा, और कहा कि पहले कपड़े को धोए, फिर झाड़ू से रेत समेटे और अपने जूते साफ कर ले| उस दिन उसने दरवाज़ों के बारे में अपनी जल्दबाज़ी में बनी राय बदल ली, हालांकि पूरी तरह से नहीं, कम से कम तब तक तो नहीं जब तक उसने देख न लिया कि दरवाज़े खोलने पर क्या-क्या हो सकता है|

दबे पाँव वह आगे बढ़ी, टेबल से उस्तरा उठाया
और टब में सोते हुए आदमी का गला रेत दिया

ज़िंदगी भर उसके साथ यह होता रहा कि दरवाज़े समय-समय पर तो ढंग से बर्ताव करते, लेकिन आम तौर पर वे मूर्ख ही रहते और डाइनिंग रूम में, रसोईघर में, लॉन्ड्री रूम में, बेडरूम में—ज़्यादा से ज़्यादा उसकी किस्मत अच्छी रही तो दफ्तर में—खुलते| लेकिन रेगिस्तान में खुलने के दो महीने बाद, उदाहरण के तौर पर, जो दरवाज़ा हमेशा बाथरूम में खुलता था वह खुला एक कारखाने में जिसमें लंबी पोशाक, नुकीले जूते और तिरछी टोपी पहना एक दढ़ियल आदमी खड़ा था| बूढ़े आदमी की पीठ उसकी तरफ थी| उस कमरे में एक चक्की एवं विशाल पेंच वाली नायाब मशीन थी| उस मशीन के पीछे खड़े लंबे एवं कई दराज़ों वाले फर्निचर से वह कुछ निकाल रहा था| वहाँ पर हवा ठंडी थी और किसी चीज़ की तेज गँध आ रही थी| बूढ़े आदमी ने पीछे मुड़कर देखा और उस पर ऐसी भाषा में चिल्लाने लगा जो वह नहीं जानती थी| उसने अपनी जीभ बाहर निकाल कर उस बूढ़े आदमी को चिढ़ाया, फिर वह दरवाज़े से बाहर निकली, उसको बंद किया और उसे वापस खोलकर बाथरूम में चली गयी एवं रात के खाने के लिए हाथ धोने लगी|

एक समय और, बहुत सालों बाद, दोपहर में सोने के लिए जब उसने अपने बेडरूम का दरवाज़ा खोला तो वह सीधे उतरी युद्ध के मैदान में| उसके हाथ ज़ख्मी एवं मरे हुए लोगों के खून से सन गए| उसने एक मुर्दे की गर्दन से क्रॉस खींचा और रख लिया| बहुत समय तक इस क्रॉस को वह बटन वाले ब्लाउज़ या ऊंची गर्दन वाली ड्रेस के नीचे एक लॉकेट की तरह पहनती थी| अब वह उस लॉकेट को नाइटी के नीचे एक टिन के डिब्बे में रखती है| उस डिब्बे के साथ में एक ब्रोच, अंगूठियों की एक जोड़ी और एक टूटी हुई घड़ी रखी होती है जो उसकी सास से उसे मिली थी| और इसी तरह बिना किसी कोशिश के, किस्मत से, उसने अपने आप को पाया तीन मोनेस्टरी में, सात पुस्तकालयों में, विश्व के सबसे ऊंचे पहाड़ों पे, अनगिनत थियेटरों में, बड़े गिरजा घरों में, जंगलों में, मांस पैक करने वाले संयंत्र में, नालों में, विश्वविद्यालयों और रंडीखानों में, वनों और तम्बूओं में, पनडुब्बियों में, होटलों और खाइयों में, द्वीपों पे और कारखानों में, महलों में, झोपड़ियों में, ऊंची मीनारों में और जहन्नुम में|

इस सब की उसने ना कोई सूची बनाई और ना ही उसे कोई फर्क पड़ता: कोई भी दरवाज़ा किसी भी जगह ले जा सकता था, और इस तथ्य का उतना ही वज़न था जितना कि रैवियोली पास्ता में आटे की मोटाई का था, उसकी माँ की मृत्यु का था, और ज़िंदगी की उन अलग-अलग राहों का था जिन्हें वह टीवी पर देखती थी और जिनके बारे में वह रेडियोलैंडिया में पढ़ती थी|

अभी कुछ समय पहले, वह अपनी बेटी के साथ डॉक्टर के पास गई थी, और जब उसने क्लिनिक के हॉल में स्थित बाथरूम के दरवाज़े को देखा तो वह मुस्कुराने लगी| उसे पक्का नहीं पता था क्योंकि उसे कभी भी पक्का नहीं पता हो सकता था, मगर वह उठी और बाथरूम में चली गई| और वह पहुंची बाथरूम में ही: कम से कम, वहाँ पर एक नंगा आदमी पानी से भरे टब में लेटा हुआ था| वहाँ सब कुछ बहुत भव्य था, बहुत ऊंची छत, मार्बल का फर्श और खिड़कियों पर परदे| वह आदमी उस गहरे और छोटे से सफेद टब में सोता हुआ मालूम पड़ा| वहाँ एक लोहे की टेबल थी जिसके पैरों पर शेर के पंजे बने थे और पंजों पर लोहे की पत्तियों एवं फूलों की नक्काशी थी| उस टेबल पर एक उस्तरा, एक शीशा, बाल घुँघराले करने वाले चिमटे, तौलिए, टैल्कम पाउडर की एक डिब्बी, और एक पानी का प्याला रखा हुआ था| दबे पाँव वह आगे बढ़ी, टेबल से उस्तरा उठाया और टब में सोते हुए आदमी का गला रेत दिया| उस्तरा ज़मीन पर फेंक उसने उसी टब के गुनगुने पानी से हाथ साफ़ किए और बाहर निकलने के लिए मुड़ गयी| क्लिनिक के गलियारे में निकलते वक़्त उसकी नज़र एक लड़की पर पड़ी जो बाथरूम के किसी दूसरे दरवाज़े से अंदर जा रही थी| उसकी बेटी ने उसकी तरफ देखा|

‘आप बड़ी जल्दी वापस आ गईं?’

‘टॉइलेट काम नहीं कर रहा,’ उसने जवाब दिया| और कुछ ही दिनों बाद, उसने रात के समय नीले तंबू में एक और आदमी का गला काट दिया| वह आदमी एक औरत के संग ज़मीन से लगे हुए बड़े से बिस्तर पर अधढका सो रहा था| तेज़ हवा में तंबू खिंच सा रहा था और दीये की लौ लपलपा रही थी| थोड़े ही आगे होगी उनकी छावनी, जिसमें होंगे सैनिक, जानवर, पसीना; खाद, हथियार और आदेश| मगर वहाँ अंदर, चमड़े और धातु के वस्त्रों के बीच एक तलवार थी| उसने उस तलवार से दाढ़ी वाले आदमी का सिर धड़ से अलग कर दिया| सोती हुई औरत में कुछ हरकत हुई मगर जब तक उसकी आँखें खुली, तब तक वह दरवाज़े से वापस अपने आँगन में आ गयी जिसे अभी कुछ ही समय पहले उसने धोया था|

उसने उस आदमी के नीचे गिरने की आवाज़ तो नहीं सुनी,
मगर उसे उस आदमी की चीख ज़रूर सुनाई दी

सोमवार और गुरुवार की दोपहर जब वह शर्ट की कॉलर पर इस्त्री फेरती है तो वह सोचती है कटी हुई गर्दनों और खून के बारे में और इंतज़ार करती है| गर्मी के मौसम में वह कपड़े अंदर रखने के बाद थोड़े समय के लिए टहलने जाती है, जब तक कि उसका पति घर ना आ जाए| और सर्दी में वह रसोई में बैठ कर कपड़े बुनती है| ऐसा नहीं है की हर बार उसका सामना निद्रामग्न पुरुषों या खुली, शून्य में घूरती लाशों से ही होता है| एक बरसाती सुबह, जब वह बीस साल की थी, उसने अपने आप को जेल में पाया और वह ज़ंजीरों में बंधे कैदियों का मज़ाक उड़ाने लगी| एक रात जब बच्चे छोटे थे और घर पर सभी सो रहे थे, उसे चौक पर अस्त व्यस्त हालत में एक औरत दिखाई पड़ी, वह औरत अपने पर्स में पड़े रिवाल्वर को घूर रही थी लेकिन उसे निकालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी; उस औरत के पास जा कर उसने रिवाल्वर उसके हाथ में थमाया, और वह तब तक वहां खड़ी रही जब तक एक गाड़ी नुक्कड़ पर आकर खड़ी हुई, जब तक उस बेतरतीब, बिखरी हुई औरत ने सलेटी कपड़ों में, जेब में चाबियाँ टटोलते एक आदमी को गाड़ी से उतरते देखा, जब तक उस औरत ने पिस्तौल तानी और गोली दाग दी| और एक रात, जब वह छठी कक्षा का भूगोल का होमवर्क कर रही थी, वह अपने कमरे में कलर पेंसिल लेने गई और एक आदमी के पास पहुंची जो बालकनी में खड़ा होकर रो रहा था| बालकनी बहुत ऊंची थी, सड़क से काफी ऊपर, उस में लालसा जागी उस आदमी को वहाँ से धक्का मारकर गिराने की, जिससे कि वह उसके नीचे गिरने की आवाज़ सुन सके, मगर उसे साउथ अमेरिका का भौगोलिक मानचित्र याद आ गया| वह बस वापस जाने ही वाली थी, लेकिन, चूंकि उस आदमी ने उसे देखा नहीं था, तो उसने उसे धक्का दे दिया और वापस नक्शे में कलर भरने के लिए भाग आई| उसने उस आदमी के नीचे गिरने की आवाज़ तो नहीं सुनी, मगर उसे उस आदमी की चीख ज़रूर सुनाई दी| और इसी तरह एक खाली मंच पर मखमली पर्दों के नीचे उसने अलाव जलाया, और दंगे के दौरान उसने एक तहखाने के किवाड़ खोल दिए, और एक घर में अध्ययन कक्ष के फर्श पर बैठ कर उसने दो हज़ार पन्नों के हस्तलेख को बर्बाद किया, और वन में खुली जगह पर सोते हुए आदमियों के हथियारों को गाड़ दिया, और एक नदी में उसने बांध के जलद्वार खोल दिए|

उसकी बेटी का नाम लौरा इनेस है और उसके बेटे की सान निकोलस में एक प्रेमिका है जिसको उसने अगले रविवार घर लाने का वादा किया है| उसको याद से अपनी भाभी से संतरे के केक के नुस्खे के बारे में पूछना है और शुक्रवार को वे टीवी पर एक नए शो का पहला एपिसोड प्रसारित करने वाले हैं| वह प्रेस को शर्ट के सामने वाले हिस्से पर एक और बार घुमाती है और याद करती है उन जगहों को जो उसके घर के सावधानीपूर्वक बंद दरवाज़ों के दूसरी ओर हैं, उस ओर जहाँ उतनी घिनौनी चीज़ें नहीं होती जितनी दरवाज़े के इस ओर होती हैं, जैसा कि आप समझ ही गए होंगे|

(इस कहानी को एडिट करने में शांभवी मिश्रा ने मदद की है)

शब्दकोश

रेडियोलैंडिया मैगजीन (Radiolandia Magazine): अर्जेंटीना की पहली और बेहद लोकप्रिय फिल्मी पत्रिका| जैसे भारत में मायापुरी|   

एंजेलिका गोरोडिशर
एंजेलिका गोरोडिशर

एंजेलिका गोरोडिशर (1928 - ) अर्जेंटाईंन लेखिका हैं जिन्होंने तीस से ज़्यादा किताबें लिखी हैं| उनकी तीन किताबों का अनुवाद अंग्रेजी में भी हुआ है| वह नारीवादी दृष्टिकोण से लिखती हैं और स्पैनिश जगत में काफी प्रसिद्ध हैं| गोरोडिशर के लिए साहित्य यथार्थ को बेनक़ाब करने का एक माध्यम है। उनके द्वारा लिखी... एंजेलिका गोरोडिशर (1928 - ) अर्जेंटाईंन लेखिका हैं जिन्होंने तीस से ज़्यादा किताबें लिखी हैं| उनकी तीन किताबों का अनुवाद अंग्रेजी में भी हुआ है| वह नारीवादी दृष्टिकोण से लिखती हैं और स्पैनिश जगत में काफी प्रसिद्ध हैं| गोरोडिशर के लिए साहित्य यथार्थ को बेनक़ाब करने का एक माध्यम है। उनके द्वारा लिखी कहानियों में पाठक को काल्पनिकता और यथार्थता की दुनिया का सहचलन दिखता है जो उनकी कहानियों को ट्रैन्सेंडेंटल अर्थ प्रदान करता है। अतः, उनकी कहानियाँ हास्यपूर्ण शैली में समकालीन समय में मानव दशा को दर्शाती हुई सांकेतिक तिथि–ग्रंथ का रूप लेती हैं।