एकबाल अहमद
एकबाल अहमद (1933–1999) पाकिस्तानी लेखक और बुद्धिजीवी थे, जो युद्ध-विरोधी सक्रियता, विश्व स्तर पर प्रतिरोध आंदोलनों के लिए उनके समर्थन और मध्य पूर्व के अध्ययन में अकादमिक योगदान के लिए जाने जाते हैं। ब्रिटिश इंडिया के बिहार में जन्मे अहमद बचपन में ही पाकिस्तान चले गए। शुरुआती शिक्षा के बाद उन्होंने फॉर्मन क्रिश्चियन कॉलेज में अर्थशास्त्र का अध्ययन किया। स्नातक होने के बाद उन्होंने छोटी अवधि के लिए सैनिक अधिकारी के रूप में काम किया। 1948 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए प्रथम कश्मीर युद्ध में वह घायल हो गए। इसके अलावा, उन्होंने अल्जीरियाई क्रांति में भाग लिया, और वियतनाम युद्ध एवं अमरीकी साम्राज्यवाद का अध्ययन किया। इसके बाद 1960 के दशक के मध्य में वह अमरीका लौट गए और वहां युद्ध विरोधी एक्टिविस्ट के रूप में पहचान बनाई। कबीर बाबर ने अहमद को उपमहाद्वीप में पैदा होने वाले सबसे उत्कृष्ट विचारकों में से एक कहा है। 20वीं शताब्दी की प्रमुख राजनीतिक घटनाओं और प्रवृत्तियों का विश्लेषण और आगामी घटनाओं को लेकर की गई उनकी भविष्यवाणियां बहुत हद तक तार्किक रही हैं। एडवर्ड सईद ने अहमद को उनके बौद्धिक विकास पर दो सबसे महत्वपूर्ण प्रभावों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया। इनमें विशेष रूप से सूचनात्मक रूप में दक्षिण एशिया पर उनके लेखन की प्रशंसा करना भी शामिल है। एकबाल अहमद उस पीढ़ी से हैं जिसने उत्कृष्ट सार्वजनिक बुद्धिजीवियों का रुझान देखा, जिनमें से एकबाल अहमद भी एक थे। अहमद ने न केवल लिखा बल्कि सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रूप से भाग लिया और फिलिस्तीन से वियतनाम तक लोगों की स्थिति में सुधार के लिए अथक प्रयास किया।.