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शहादत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंबेडकर कॉलेज से बी.ए. (विशेष) हिंदी पत्रकारिता में किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी के ही देशबंधु कॉलेज से एम.ए. (हिंदी) किया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रेख़्ता (ए उर्दू पोएट्री साइट) में प्रुफ रीडर, हिंदी टाइपिस्ट और अनुवादक की पोस्ट से की। इसके बाद वह दो साल एनडीटीवी इंडिया में कार्यरत रहे। वर्तमान में वह फ्रीलांस ‘इंग्लिश से हिंदी’ और ‘उर्दू से हिंदी’ अनुवादक के तौर पर काम करते हैं।
गुजिश्ता सालों में इनकी कहानियां हिंदी साहित्य की चर्चित और स्थापित पत्रिकाओं हंस, कथादेश, कथाक्रम, पहल, मधुमति, वनमाली, विभोम स्वर, नया ज्ञानोदय, जानकीपुल.कॉम, समालोचन.कॉम, उद्भावना, माटी, पाखी, परिकथा और अहा!ज़िंदगी में प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी कहानियों के अनुवाद अंग्रेजी की प्रसिद्ध पत्रिकाओं ‘आउट ऑफ प्रिंट’ और ‘बॉम्बे लिटरेरी मैगजीन’ में प्रकाशित हो चुके हैं।
शहादत का कहानी संग्रह ‘आधे सफ़र का हमसफ़र’ प्रकाशित हो चुका है। इनका दूसरा कहानी संग्रह ‘कर्फ़्यू की रात’ लोकभारती प्रकाशन से शीघ्र प्रकाशय है। अनुवादक के तौर पर शहादत ने हिजाब इम्तियाज़ अली की कहानियों के संग्रह सनोबर के साए और ज़हीर देहलवी की आत्मकथा दास्तान-ए-1857, जो पहले स्वतंत्रता संग्राम पर लिखी गई ऐतिहासिक किताब है, का उर्दू से हिंदी अनुवाद किया है। उन्होंने मकरंद परांजपे की किताब ‘गांधी की हत्या और उसके बाद का उनका जीवन’ का भी अनुवाद किया है, जो पेंग्विन इंडिया से शीघ्र प्रकाशय है।
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